एक और सही
पर ये मोड़ तो पीछे देखने को कहता है
कहता है देख तुने क्या क्या किया
हँसता है , चिडाता है
कहता है की तुने आखिर क्यूँ ये किया अपने साथ
क्यूँ इस ज़िन्दगी के लम्हों को बर्बाद किया
तुझे ऐसे ही नहीं दी जीने की इजाजत
हँसता तो मैं खुद भी हूँ
हँसता तो मैं खुद भी हूँ
की आखिर क्या हो गया था मैं उस दौरान
सवाल है आज इस मोड़ पर
और शायद ज़िन्दगी भर ...
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